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8वीं तक के छात्रों को मिलेगी 48,000 हजार रुपये की छात्रवृत्ति, 10 दिसंबर तक आवेदन करें Students scholarship

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Students scholarship  शिक्षा किसी भी राष्ट्र के विकास की रीढ़ होती है। भारत जैसे विकासशील देश में, जहां अभी भी कई प्रतिभाशाली छात्र आर्थिक कठिनाइयों के कारण अपनी शिक्षा जारी नहीं रख पाते, वहां माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा शुरू की गई “नेशनल मीन्स-कम-मेरिट स्कॉलरशिप योजना” (NMMS) एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल छात्रों के लिए वरदान साबित हो रही है, बल्कि देश के शैक्षिक परिदृश्य को भी नई दिशा दे रही है।

इस योजना की सबसे उल्लेखनीय विशेषता यह है कि इसके तहत चयनित छात्रों को चार वर्षों में कुल 48,000 रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। यह राशि 9वीं से 12वीं कक्षा तक प्रति वर्ष 12,000 रुपये के रूप में दी जाती है। यह आर्थिक सहायता उन छात्रों के लिए जीवन बदलने वाली साबित हो सकती है, जो वित्तीय संकट के कारण अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने में असमर्थ हैं।

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छात्रवृत्ति के लिए चयन प्रक्रिया अत्यंत पारदर्शी और व्यवस्थित है। आगामी 19 जनवरी 2025 को आयोजित होने वाली चयन परीक्षा में छात्रों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना होगा। परीक्षा में दो महत्वपूर्ण खंड शामिल हैं – मानसिक क्षमता परीक्षण (MAT) और शैक्षणिक योग्यता परीक्षा (SAT)। तीन घंटे की इस परीक्षा में 180 बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे, जो छात्रों की समग्र योग्यता का आकलन करेंगे।

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योजना की पात्रता शर्तें भी सुनिश्चित करती हैं कि सहायता वास्तव में जरूरतमंद और योग्य छात्रों तक पहुंचे। आठवीं कक्षा के छात्र, जिन्होंने सातवीं कक्षा में न्यूनतम 55% अंक (अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों के लिए 50%) प्राप्त किए हैं और जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय 3.5 लाख रुपये से अधिक नहीं है, वे इस योजना के लिए पात्र हैं। यह मानदंड सुनिश्चित करता है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों को उचित अवसर मिले।

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आवेदन प्रक्रिया को छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। 20 नवंबर से शुरू होने वाली यह प्रक्रिया 10 दिसंबर तक चलेगी। छात्र शाला दर्पण पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। स्कूलों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे छात्रों के दस्तावेजों को प्रमाणित करने और आवेदन प्रक्रिया में मार्गदर्शन करने में मदद करेंगे।

विशेष रूप से ध्यान देने योग्य बात यह है कि योजना दिव्यांग छात्रों की विशेष जरूरतों को भी ध्यान में रखती है। उन्हें परीक्षा में 30 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा, जो समावेशी शिक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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इस योजना का महत्व केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है। यह एक बड़े सामाजिक परिवर्तन का वाहक है। यह योजना:

  1. शिक्षा में समानता को बढ़ावा देती है
  2. प्रतिभाशाली छात्रों को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करती है
  3. शिक्षा के स्तर में सुधार लाती है
  4. छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना जगाती है
  5. समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाती है

योजना का प्रभाव दूरगामी है। जब एक छात्र शिक्षा प्राप्त करता है, तो वह न केवल अपना बल्कि अपने परिवार और समाज का भी भविष्य बदलता है। यह छात्रवृत्ति उन छात्रों के लिए आशा की किरण है, जो अपनी प्रतिभा के बावजूद आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे हैं।

NMMS योजना शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि उनके सपनों को उड़ान भी देती है। यह योजना भारत के शैक्षिक परिदृश्य में एक नई क्रांति का आगाज है, जो आने वाले समय में देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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इस योजना की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि कितने योग्य छात्र इसका लाभ उठाते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि इस योजना के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाई जाए और पात्र छात्रों को आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। स्कूलों, शिक्षकों और अभिभावकों की यह जिम्मेदारी है कि वे योग्य छात्रों की पहचान करें और उन्हें इस अवसर का लाभ उठाने में मदद करें।

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